वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में देश में एक भी 2,000 रुपये का नोट नहीं छापी गई है।
सरकार ने लोकसभा में नए 2000 रुपये के नोट के बारे में बड़ी जानकारी दी है। एक सवाल का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा कि अप्रैल 2019 से 2,000 रुपये के नोट नहीं छापे गए हैं। 20 मार्च, 2018 तक 2,000 रुपये के 336.2 करोड़ रुपये के नोट प्रचलन में थे। जो प्रणाली में कुल मात्रा का 3.27 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार 26 फरवरी, 2021 को, प्रचलन में 2,000 रुपये मूल्य की 249.9 करोड़ मुद्राएं थीं। यदि बैंक नोटों की मात्रा और मूल्य क्रमशः 2.01 प्रतिशत और 17.78 प्रतिशत पर बने हुए हैं। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने आरबीआई की सलाह पर एक विशेष मूल्यवर्ग के बैंक नोट छापने का फैसला किया है।
RBI ने 2019 में कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में 2,000 रुपये के कुल 3,542.991 मिलियन नोट छापे गए थे। 2017-18 में केवल 111.507 मिलियन नोट छापे गए। जो वर्ष 2018-19 में घटकर मात्र 46.690 मिलियन रह गया। यानी 2018-19 में दो हजार रुपये के केवल 46.690 करोड़ नोट छापे गए। अप्रैल 2019 में दो हजार रुपये का एक भी नया नोट नहीं छापा गया है।
2,000 रुपये का नोट पहली बार नवंबर 2016 में छापा गया था। काले धन और जाली नोटों को लेते हुए, सरकार ने एक बड़े ऑपरेशन में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बरामद किए थे।