आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जिनका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद में गोखरू का बहुत महत्व है। गोखरू एक काटाला पौधा है। ज्यादातर गाँव मे हमे दिखने को मिलता है। गोखरू एक उबाऊ पौधा है। जो गांव में घास के रूप में उगता है। और भेड़-बकरियाँ गोखरू के पौधों को चरती हैं। यह एक प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटी के रूप में जानी जाती है। आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। तो आइए आज जानते हैं इसके फायदों के बारे में।
गोखरू को गोक्षुर के नाम से भी जाना जाता है। जोड़ों के दर्द, कमर दर्द, पथरी का दर्द, गुर्दे की समस्याओं में बहुत उपयोगी है। अगर आपको कमर दर्द की समस्या है तो एक गिलास पानी में एक चम्मच गोखरू का चूर्ण को उबाल लें और इसे तब तक उबलने दें जब तक कि पानी आधा न हो जाए। और फिर उस पानी को सुबह-शाम पीने से कमर दर्द और जोड़ों का दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाता है।
मूत्र मार्ग के रोग की समस्या हो तो 10 ग्राम गोखरू और 150 ग्राम दूध में उबालकर आधा रह जाने पर पीने से मूत्र मार्ग के सभी विकार दूर हो जाते हैं। इसके अलावा 15 ग्राम गोखरू चूर्ण और घी और चीनी को मिलाकर खाने से स्त्री रोगको दूर किया जाता है। यदि आपकोकिडनी की पथरी है, तो दर्द कष्टदायी होता है। किडनी की पथरी से छुटकारा पाने के लिए यह बहुत उपयोगी है।
इसके अलावा गोखरु के नियमित सेवन से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है। और डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। PCOS (पीसीओएस) सही पाने के लिए गोखरू महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसके अलावा यह बच्चों के लिए भी काफी उपयोगी है। पीरियड्स में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है। गोखरा का स्वरूप काफी ठंडा होता है।
अगर शरीर में तजा गर्मी होती है तो गोखरा का सेवन करने से शरीर की गर्मी दूर हो जाती है। यह गर्मियों में काफी उपयोगी साबित होता है। और शरीर पर पर्याप्त ऊर्जा का संचार भी करता है। जिस व्यक्ति को यूरिन से खून बहता है, वह ज्यादा मसालेदार खाना खाता है। इस समस्या के लिए गोखरु, चीनी, दूध और पानी पीने से यूरिन में खून आना बंद हो जाता है। इसके अलावा गोखरू बहुत उपयोगी है अगर मूत्र संबंधी कोई समस्या जैसे उसे रोकना या न रोकना जैसी समस्या मे गोखरू से राहत मिलती है।
एनीमिया जैसी बीमारियों में भी गोखरा का सेवन बहुत उपयोगी है। खाली पेट दूध के साथ गोखरू पाउडर लेना फायदेमंद होता है। गोखरू त्वचा के कई रोगों में भी यह काफी उपयोगी है। जो इसका सेवन करने से त्वचा को शुद्ध करता है। और रक्त शुद्ध होता है। इसके अलावा त्वचा की हर समस्या से राहत मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि त्वचा मे जलन या खुजली जेसी समस्या से परेशान है, तो इससे राहत मिलती है।
जो बच्चे कुपोषित होते हैं यह उन लोगों के लिए रामबाण औषधि है। इस इलाज के लिए गोखरू, अश्वगंधा और शतावरी पाउडर पीने से कुपोषण की समस्या ठीक होती है। गोखरू एक आदमी के लिए वरदान है। इसके सेवन से आदमी का हार्मोन बढ़ जाता है। गोखरू का सेवन करने से प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है।
गोखरू और आंवला को बराबर मात्रा में लिया जाता है और पाउडर बनाया जाता है। उस पाउडर को रसायन पाउडर से जाना जाता है। यदि शरीर में सूजन है, यदि शारीरिक कमजोरी है तो आधा चम्मच गाय का दूध के साथ लेने से सभी रोग तुरंत समाप्त हो जाते हैं। सीने में दर्द के इलाज के लिए गोखरू भी बहुत उपयोगी है। अगर हार्ट अटैक की समस्या है या फिर नस ब्लोकेज है तो इसका सेवन दूध या पानी से करना चाहिए।