आपको जानकर बहोत हैरानी होगी कि गूगल की एक रिपोर्ट से अभी-अभी पता चला है कि भारत देश रेंसमवेर का सामना करने वाले दुनिया के 140 देशों की सूची में भारत का स्थान छठे नंबर पर है। दिन ब दिन बढ़ती जा रही ये समस्या अब बहुत ही गंभी हो रही है। रेंसमवेर 2020 की पहली दो कवातर में बहुत ही बढ़ गई थी अगर कोई है हेकर्स के सामने कानूनी कार्यवाही करने की बात करता है तो उसकी संवेदनशील और खुफिया जानकारी लीक करने की धमकी दी जा रही है। इसी लिए कोई कार्यवाही भी नहीं कर सकता है।
भारत देश विश्व के 140 रेंसमवेर के सामने करने वाले देशों में उसका स्थान छठे नंबर पर आ गया है। गूगल के एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले ढाई साल में 80 मिलियन से भी ज्यादा रेंसमवेर के विश्लेषण के बाद गूगल ने यह दिखाया है इस रेंसमवेर के हमलों में 140 देश से भी ज्यादा नमूने इकट्ठा किए गए बाद में उसका रिपोर्ट निकाला गया था।
इस रिपोर्ट के मुताबिक रेंसमवेर की इस समस्या में सबसे ज्यादा प्रभावित देश मे इजरायल, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, चीन, सिंगापुर, कजाकिस्तान, फिलीपाइन, भारत और यूके है। इजरायल ने सबसे ज्यादा रेंसमवेर के नमूने गूगल के सामने पेश किया है जो न्यूनतम मामलों में से भी 600 गुना ज्यादा है। अहवाल के मुताबिक गूगल 2004 में लॉन्च किया हुआ वायरस टोटल सितंबर 2012 में गूगल के पास आया था उसके बाद जनवरी 2018 में वायरस टोटल जीसीपी की साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्रॉनिकल सिक्योरिटी के नीचे गया।
वायरस टोटल पूरे विश्व में सबके लिए रेंसमवेर की माहिती दर्शा रहा है इस रिपोर्ट के मुताबिक साइबर प्रोफेशनल्स की फाइलें डोमैंस यूआरएल और आईपी ऐड्रेस दी जा रही है इस माहिती वायरस टोटल के Vicente Diaz सबसे पहले नंबर की माहिती दर्शायी गई थी। डियास के मुताबिक वर्ष 2020 के पहले दो क्वार्टर में रेंसमवेर सबसे ज्यादा बढ़ गया और उसके बाद बहुत कम भी हो गया था। 2021 के पहले 6 महीने में 130 खानी सक्रिय किया गया।
हैकर्स ने ना केवल पैसे की मांग की है बल्कि मुकदमा करने पर संवेदनशील और महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी लीक करने की धमकी भी दी गई है। हेकर्स फिरौती के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहा है एक और फिरौती के लिए मेल मेरी या अन्य रिमोट एक्सेस ट्रोजन का उपयोग करता है