पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है कृषि कानून के विरोध में। यह किसान आंदोलन में कई किसानों ने अपनी जान भी दे दी है, थोड़े दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के किसान कानून को वापस लेने की बात की थी। लेकिन कुछ ऐसे किसान नेता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात से सहमत नहीं है।
जब नरेंद्र मोदी जी ने किसान कानून को वापस लिया तब किसान को उसके घर वापस लौटने की अपील भी की थी। लेकिन कुछ नेताओं की वजह से अभी भी आंदोलन चल रहा है, इसी आंदोलन में लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत का आयोजन हुआ था। इस आंदोलन में मोदी और योगी आदित्यनाथ पर बहुत बरसे। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी भाषा में समझाने में 1 साल लग गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझ में आया कि यह कानून किसान मजदूरों के विरोध में है।
और बताया कि सरकार ने किसान को बांटने का प्रयास किया है, राकेश टिकैत ने कहा कि माफी मांगने से किसानों का भला नहीं होने वाला इसका भला एमएसपी कानून बनाने से ही होगा। और राकेश टिकट ने बताया कि केंद्र सरकार झूठ बोल रही है कि वह बता रही है कि कमेटी बना रहे हैं जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पे मोदी जी थे तब उनकी अध्यक्षता में कमेटी ने मनमोहन सिंह को रिपोर्ट सौंपी थी कि किसानों के लिए एमएसपी लागू करें और राकेश ने बताया कि यह पीएमओ मे रखी है उसको ही लागू कर दे कोई नई कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है।
और उसने बताया कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा चुनाव में किया था और अब तक उस पर कोई अमल नहीं हुआ है। दो करोड़ नौकरियों का वादा किया और काम प्राइवेट कंपनियों में दिया। देश प्राइवेट मंडी बनता जा रहा है उन्होंने बताया कि सरकार ने संघर्षविराम करने की घोषणा की है मगर हम इन कानून को वापसी पर से मानने वाला नहीं है आंदोलन अभी जा जारी रखेगा रहेगा उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी हल निकालने वरना चुनाव में इस को सबक सिखाएंगे।