कई बार अगर हमारे घर में पुराना फर्नीचर हो तो पुराने होने का बहुत डर रहता है। दीमक भी चींटी की तरह भीड़ में इधर-उधर घूमती है । दीमक के लिए मुख्य भोजन लकड़ी है। वह लकड़ी खाता है। लकड़ी ऊपर से बिल्कुल अच्छा लग रहा है। लेकिन यह भीतर से पूरी तरह खोखला हो जाता है। और वो लकड़ी का कोई फायदा नहीं है । कई बार हम घर में हमें जाना पड़ता है। लंबे समय से बंद मकानों के अलावा अगर पुरानी लकड़ी का पाउडर मिला तो दीमक फर्नीचर को खा जाता है, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते। और दीमक ने खाया हुआ फर्नीचर का उपयोग भी हम नहीं कर सकते और वो लकड़ी बेकार हो जाती है।
कई बार हम इसके लिए कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। लेकिन ऐसा करने के बाद भी दीमक नहीं जाती। तो आइए आज जानते हैं कुछ ऐसे उपायों के बारे में जिनके द्वारा दीमक तुरंत हट जाती है। दीमक एक चींटी की तरह सफेद दिखता है। खासकर किसी अंधेरे जगह पर, गीली जगह में , पुरानी किताबें, लकड़ी मे होती हैं। कई बार दीवार भी उखड़ जाती नजर आ रही है। फर्नीचर जहां सूरज की रोशनी नहीं आती है वह ज्यादातर दीमक होता है। और कई दिनों तक दूर नहीं जाती है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी मेहनत करते हैं, ऐसा नहीं होता है और लकड़ी गर्मी से क्षतिग्रस्त हो जाती है। कहा जाता है कि दीमक को कड़वी खुशबू बिल्कुल पसंद नहीं है। वह कभी नीम की लकड़ी में नहीं लगती। अगर आप घर के चारों तरफ नीम का पाउडर फैलाते हैं तो उधाई कभी भी प्रवेश नहीं कर सकती। इसके अलावा काली मिर्च पाउडर का भी इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि काली मिर्च भी दीमक को पसंद नहीं है। इसके अलावा दीमक को हटाने के लिए नीम के पत्ते का घूआ करने से भी सभी दीमक की मौत हो जाते हैं।
नारंगी तेल का छिड़काव करने से दीमक वह पे नहीं आती और अगर दीमक है तो वो गायब हो जाती है, यहां तक कि जिस स्थान पर दीमक दिखती है, उस स्थान पर नमक छिड़कने से दीमक नष्ट हो जाती है। इसके अलावा जहां भी दीमक दिखती है वहां लाल मिर्च पाउडर लगाने से तुरंत मर जाती है। इसके अलावा दीमक साबुन के पानी से दूर भागता है। हर दिन साबुन से पोंछा लगाने से से तुरंत दूर भाग जाती है जहां फर्नीचर को दीमक नव खा लिया गया है और जहा बहुत सारी दीमक होती है वह साबुन रख दे। दीमक से बचने के लिए नेफ्थालीन टैबलेट एक बहुत ही कारगर उपाय है।
दीमक केरोसिन से भी भागता है । क्योंकि यह बहुत उज्ज्वल है। जिसके कारण कीट माकोड़ा उसे जीने नहीं देता। लकड़ी की वस्तु या फर्नीचर पर सूती कपड़े के साथ सप्ताह में एक बार केरोसिन लगाने से दीमक को रोका जा सकता है। यदि खेत उपजाऊ है तो कच्चा गोबर खेत में नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि कच्ची खाद में दीमक की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए आसफोटिडा का एक बड़ा बंडल बनाकर पत्थर से बांधा जाता है, जिसकी वजह से उसकी जड़ से मौत हो जाती है। और यह दूसरी बार नहीं होता है ।
इसके अलावा दीमक से बचने के लिए तेल का भी इस्तेमाल किया जाता है। अगर कोई फर्नीचर की लकड़ी दो दिन तक धूप में है तो वह दीमक को भी मार देता है। और घर फर्नीचर मे कभी नहीं आती है । जिस स्थान पर दीमक हुई है, वहां लाल मिर्च पाउडर छिड़कें और उसकी खुशबू बहुत मजबूत होती है। जो दीमक को पसंद नहीं है। और वह तुरंत मर जाता है । इसके अलावा कड़वी नीम पसंद नहीं आती, इसलिए अगर आप फर्नीचर पर छिड़केंगे तो वह पे दीमक कभी नहीं आती।