आज आप उड़द की दाल के फायदे के बारे मे जानते हैं। उड़द में पाए जाने वाले पोषक तत्व सर दर्द, नाक, बुखार और सूजन जैसी कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि उड़द अन्य प्रकार की दालों में अधिक सशक्त और पौष्टिक होते हैं। दाल कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होती है। तो चलिए जानते हैं दाल खाने के अद्भुत फायदे के बारे मे।
सिर दर्द से राहत :
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपको सिरदर्द की समस्या है तो उड़द के सेवन से आराम मिल सकता है। इस दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटैशियम।
मधुमेह :
उड़द दाल फाइबर से भरपूर होती है जो शुगर और ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। मधुमेह रोगी अपने आहार में दाल को शामिल कर सकते हैं। दाल के सेवन से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
आयरन की कमी पूरी होती है :
दाल में आयरन की अच्छी मात्रा होती है। जो शरीर में एनर्जी बनाए रखने में मदद करता है। महिलाओं के लिए दाल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
पाचन तंत्र में सुधार करता है :
डॉक्टर्स का कहना है कि दाल में हर प्रकार के फाइबर होते हैं जो डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। दाल के सेवन से पाचन, कब्ज और ऐंठन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
दाल का सेवन कैसे करें :
आप नाश्ते में दाल का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए करीब 60 ग्राम दाल को रात को सोते समय पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इन दालों को दूध और मकई के साथ मिला लें। इससे स्मरण शक्ति मजबूत होगी और दिमाग की कमजोरी दूर होगी। इसके अलावा आप इसे सामान्य दाल की तरह ही सेवन कर सकते हैं।
उड़द ग्लोइंग स्किन पाने में कारगर है। अगर चेहरे पर लगे सफेद धब्बे नहीं हट रहे हैं तो उड़द के आटे को गुलाब जल में मिलाकर रोजाना दाग वाले क्षेत्र पर लगाएं। चार महीने तक लगातार लगाने से दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे।
दाल को 3-4 घंटे के लिए पानी में भिगो दें, फिर उसमें नमक, काली मिर्च, घनिया, जीरा लहसुन और अदरक डालें। इसके बाद इसे घी में गर्मी पर तेल में तला जाता है और ठीक हो जाता है। इसमें वजन बढ़ाने और गैस के रोगों को ठीक करने की बात कही गई है। और कुछ दाल भिगो दें। इसके बाद इसे सुबह के समय कटोरे में मिलाकर दूध या चीनी के साथ मिलाकर खाएं। यह प्रक्रिया हर दिन करने से दिल से जुड़ी बीमारियों को शरीर में होने से रोकती है।
उड़द वायु के कारण होने वाली विकृतियों का नाश करता है। उड़द कैसर पक्षाघात में उत्कृष्ट परिणाम देता है। इस विकार में उड़द के आटे में वातित जड़ी-बूटियां मिलाकर तिल के तेल से बने लड्डू पर देने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, अंगों के कप, गठिया, पक्षाघात आदि जैसे विकारों में संवहनी कारण तंत्रिकाओं की सक्रियता को रोकते हैं।
दाल को रात को भिगो दें (5 रुपए वजन के बराबर)। सुबह इसे दूध या चीनी में मिलाकर सेवन करें। दिल और दिमाग को फायदा होगा। अगर हिचकी बंद नहीं हो रही है तो पूरी दाल को चारकोल पर रख दें और धुंआ सूंघ लें। हिचकी दूर हो जाएगी।
एक कटोरी उबली हुई दाल लें और सोते समय सिर पर लगाए। सिर के गंजेपन हमेशा के लिए दूर होगा। वीर्य का मुख्य घटक प्रोटीन है। सभी बीन्स में प्रोटीन होता है, लेकिन दाल में बेहतरीन प्रोटीन होता है। इसलिए उड़द के सेवन से शुक्राणुओं की अच्छी वृद्धि होती है।