गणेशजी को चढ़ाए जाने वाले पवित्र घास दुर्वा आयुर्वेद में औषधि के रूप में बताए गए हैं। इसमें बड़ी बीमारियों को जड़ से मिटाने की ताकत है। जानिए दूर्वा के आपके शरीर को क्या फायदे मिलते हैं।

दूर्वा से खून की कमी दूर होती है। दुर्वा रस को हरा रक्त भी कहा जाता है। इसे पीने से खून की कमी दूर हो सकती है। यह रक्त को साफ करके रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

त्वचा की समस्याओं से छुटकारा :

दूर्वा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं। यह आपको खुजली वाली त्वचा या किसी अन्य समस्या से भी राहत दिलाने में मदद करेगा। इस घास का लेप हल्दी पाउडर में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा के दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे।

गुणों से भरपूर :

आयुर्वेद में चमत्कारी पौधा माने जाने वाले दूर्वा का स्वाद बहुत ही मीठा होता है। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम आदि से भरपूर होता है। यह पित्त, कब्ज जैसी कई बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है।

सिर दर्द से राहत :

 

आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार दूर्वा और चूने को बराबर मात्रा में पानी में मिलाकर सिर पर लगाने से भी सिर दर्द में लाभ होता है।

मुंह के छालों में आराम :

दूर्वा के काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छालों में तुरंत आराम मिलता है। यह आंखों के लिए भी बहुत अच्छा होता है। दूर्वा की घास पर नंगे पांव चलने से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में फायदेमंद :

 

दूर्वा के रस को मिठाइयों में मिलाकर पीने से पेशाब में खून आने पर आराम मिलता है। दूध में 1 या 2 ग्राम दुर्वा का पेस्ट मिलाकर पीने से मूत्र मार्ग का संक्रमण दूर हो जाता है।