हिंदी फिल्म जगत के जाने-माने मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन का कौन बरोड़ा कौन बनेगा करोड़पति नाम का शो को काफी लोकप्रियता मिली है, महानायक अमिताभ बच्चन इस शो के दौरान कई बार अपनी जिंदगी के जुड़े कई राज उनके फैन के साथ खोलते रहते हैं, कई बार उनका और जयाजी के रिश्ते के बारे मे भी बात करते रहते है। थोड़े दिन पहले ही अमिताभ बच्चन ने एक एपिसोड में ऐसा खुलासा किया कि आप इस बात को जानकर हैरान हो जाओगे।

हॉट सीट पर बैठी महाराष्ट्र की कंटेंस्टेंट भाग्यश्री तायडे को सवाल पूछने के दौरान उसने अपने सरनेम के बारे में खुलासा किया था। अमिताभ बच्चन ने जब भाग्यश्री तायडे को उनकी लव स्टोरी के बारे में पूछा तो बताया कि भाग्यश्री और उनके पति ने 6 साल तक उन्हें एक दूसरे ने डेट किया था, मगर उनके घर वाले उनकी शादी को लेकर बिलकुल राजी नहीं थे क्योंकि भाग्यश्री और उसके पति की कास्ट अलग थी। इसी लिए दोनों के मातापिता कभी राजी ही नहीं हुए।

बच्चन ने पूछा कि ऐसा क्यों तो उसने बताया कि दोनों की कास्ट अलग होने की वजह से उनके घर वाले शादी के लिए नहीं मान रहे थे। उसके बाद भाग्यश्री और उसके पति ने उसके माता-पिता को मनाया और उसके मनाने के बाद उनके माता-पिता शादी में शामिल होने के लिए मान भी गए। मगर अगले दिन ही जब भाग्यश्री ने फोन किया तो उनको  उनके माता-पिता ने कह दिया किया हमने हमारी बेटी के प्रति कर्तव्य पूरा कर लिया है। अब हमारा तेरे साथ कोई रिश्ता नहीं है।

उसके बाद अभी उसका कोई रिश्ता नहीं है, कभी भी उसने अपने माता-पिता के साथ बात भी नहीं की है। यह बात सुनकर अमिताभ भी थोड़ा भावुक हो गया क्योंकि अमिताभ बच्चन के माता पिता का विवाह भी अंतर्जातीय ही हुआ था। शो के बीचमे ही अमिताभ बच्चन ने भाग्यश्री के पिताजी को फोन करवाया और उसको हाथ जोड़कर विनती की कि आप उसकी बेटी और दामाद को माफ कर दो और उन दोनों को अपना लो, और उसने कहा कि यह बहुत ही दुखद बात है कि अपने देश में जाति को लेकर अभी भी भेदभाव चल रहा है। उसके बाद उसने अपने माता-पिता के बारे में भी बताया।

अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन एक हिंदू कायस्थ थे और उसकी माता पंजाबी परिवार से आती थी। दोनों की शादी में भी बहुत परेशानी आई थी उसके बाद उसके घर वाले मान गए थे फिर और हरीवंशराय बच्चन ने जातिवाद को दूर करने के लिए एक बहुत ही कठिन कदम उठाया था। जब अमिताभ बच्चन को स्कूल में दाखिल करने गए तो उनके पिता ने उनका नाम बताने की वजह बजाए बच्चन नाम बताया क्योंकि बच्चन नाम रखकर वो जातीवाद को दूर करना चाहता था क्योंकि बच्चन नाम से चाहती बोध नहीं होता।