आयुर्वेद में, मेथी को घरेलू उपचार में प्रमुख जड़ी-बूटियों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है। इसका इस्तेमाल हजारों सालों से किया जा रहा है। मेथी में कड़वाहट ‘ग्लाइकोसाइड’ पदार्थ के कारण होती है। मेथी में फॉस्फेट, लेसिथिन, विटामिन डी और लौह अयस्क होता है, जो आपकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करता है। मेथी दाना न केवल शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत करता है बल्कि शरीर को बाहरी रूप से सुंदरता देने में भी मदद करता है।
मेथी गर्म और चिपचिपी प्रकृति की होने के कारण हवा में विशेष रूप से लाभकारी होती है। मेथी का सेवन शरदी के मौसम में ज्यादा किया जाता है भारत भर में ज्यादातर परिवार मेथी की फसल में मेथी को ढककर और मेथी की विशेष लाड़ में शामिल करके होंशे होंशे खाने का आनंद लेते हैं।
यह शरीर में सर्दी से लड़ने के अलावा वायु रोगों के साथ-साथ यौन दुर्बलता को भी दूर करने में मदद करता है। सर्दियों में मेथीपाक या लड्डू खाने से खाने वाले की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मेथी पेट फूलना, भूख को दूर करती है, पाचन को बढ़ाती है और शरीर को पोषण देती है। खीचड़ी में मेथी मिला सकते हैं, इसे गार्निश में इस्तेमाल कर सकते हैं। मेथी का सेवन रोजाना भी किया जा सकता है। किसी भी हाल में आहार में मेथी का प्रयोग करना चाहिए।
मेथी के स्वास्थ्य लाभ:
मेथी के पाचक गुण गठिया से राहत दिलाने में मदद करते हैं। मेथी पैरों, टखनों, कूल्हों या टखनों के तलवों से गठिया को बाहर निकाल देता है। आमवाती दर्द और अक्सर पेट फूलने के कारण सिर में सूजन। अदरक और अरंडी के तेल के काढ़े के साथ मेथी का सेवन अमृत माना जाता है। गठिया जैसे जिद्दी रोगों में भी मेथी और अरंडी के तेल का मिश्रण लाभकारी प्रतीत होता है। जो लोग एनोरेक्सिक हैं और उन्हें भूख नहीं लगती है उन्हें मेथी का सेवन करना चाहिए।
मेथी (कड़वा होने के नाते) डायबिटीज में यूरिन के साथ जाने वाले ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में विशेष गुण होता है। मधुमेह के रोगी को हर रात दो बड़े चम्मच पानी भिगोना चाहिए, सुबह बहुत गूंथना चाहिए, इसे छानना चाहिए और एक महीने तक हर सुबह पानी को पीना चाहिए। इस ट्रीटमेंट से यूरिन में जाने वाली शुगर की मात्रा कम हो जाती है। मधुमेह के लिए यह सरल उपचार है।
किसी भी प्रकार के बुखार जैसे विषम, जीरा बुखार या वैत जावर में मेथी का सेवन लाभकारी होता है। क्युकी मेथी प्रकृति से भरपूर होती है। छाछ के साथ भुने हुए मेथी के दाने देने से डायरिया से राहत मिलती है। मेथी खाने या इसका जूस पीने से भी जी मिचलाना या उल्टी से राहत मिलती है। मेथी की सब्जियां छोटे बच्चों या बड़ों को खाने से मेथी किसी भी रूप में पेट में कीड़े की समस्या से राहत दिलाती है।
मेथी का पाउडर बनाकर उसमें कुछ पानी डालकर पेस्ट बनाकर एक पैन में डाल दें। इसमें 100 ग्राम नारियल डालें। इसे धीरे-धीरे गर्म करें। जब पानी जल जाए और मेथी का पाउडर लाल हो जाए और तेल से सामान्य धुआं निकलने लगे तो उसे निकाल कर ठंडा कर दें। सिर पर रोजाना इस तेल की मालिश करने से मंद बालों को चमक मिलती है। डेंड़रफ धीरे-धीरे बंद हो जाता है और खुजली बंद हो जाता है। बालों के झड़ने की समस्या कम हो रही है।
एड़ी का दर्द या आज के स्त्री-पुरुषों के लिए एक आम समस्या है। मेथी पोटली शेक दर्द पर काफी राहत देगा। मेथी का इस्तेमाल छोटे बच्चे बिस्तर में पेशाब करते हैं या वयस्कों को बार-बार पेशाब करना पड़ता है उसमे होता है। मेथी दिल के मरीज को चमत्कारिक लाभ देती है। नियमित मेथी का सेवन करने वाले व्यक्ति के जीवन में हार्ट अटैक नहीं आएगा। मेथी का कमाल यह है कि दिल की अन्य बीमारियां इसके बगल में नहीं जाएंगी । मेथी महिला के लिए बहुत फायदेमंद होता है मेथी का सेवन सोने के समय करने से पीड़ित महिला के लिए वरदान बन जाता है। सोने के दौरान पूरे महीने पीठ दर्द से पीड़ित महिला, सफेद पानी से होने वाले दंगे, प्रसव के कारण कमजोरी, खून के कणों की कमी, चक्कर आना, उदासीनता, पूरे शरीर में दर्द, मुख्य रूप से गर्भाशय के आसपास दर्द या नींद की बड़ी शिकायत आदि रहेगी।
मेथी पेट की समस्याओं का सबसे अच्छा रूप है। गैस, शीरा, मतली, एफोरिज्म, अत्यधिक डकार सभी संक्रमण में बहुत उपयोगी होते हैं। मेथी के दो बड़े चम्मच और सुवादाना के दो बड़े चम्मच भून कर उसे कुचल दें। सुबह-शाम एक-एक चम्मच यह पाउडर पेपीने से पेट से जुड़ी सभी समस्याएं फायदेमंद रहेंगी।
महिलाओं में प्रदर (सफेद पानी) में मेथी का सेवन लाभकारी होता है। प्रसव के बाद कई महिलाएं कुष्ठ रोग की शिकायत करती हैं और हमेशा के लिए घर चली आती हैं। आधा चम्मच मेथी का चूर्ण थोड़े से गुड़ और घी के साथ सुबह-शाम सेवन करना अच्छा होता है। वहीं मेथी के चूर्ण को कपड़े के अण्डाकार थैले में भरकर योनि में रखने से शीघ्र लाभ होता है। मेथी के सेवन से गर्भाशय सिकुड़ जाता है और शरीर की धुलाई बंद हो जाती है। यह एक जलवाहक के रूप में पीठ दर्द और पैरों में झुनझुनी से भी राहत देता है।