आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान के कारण डायबिटीज और मधुमेह के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। भारत में 50 मिलियन से अधिक लोगों को मधुमेह है। मधुमेह कई अन्य बीमारियों का कारण बनता है। मधुमेह एक ऐसी भयानक बीमारी है। यह रोग शरीर में सिर, हृदय, मांसपेशियों, गुर्दे, आंख, कान आदि को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।

करेला के बीज मधुमेह में बहुत फायदेमंद होते हैं। मधुमेह के रोगियों को कब्ज होने की संभावना अधिक होती है। जो लोग नियमित रूप से करेले के बीज का सेवन करते हैं उन्हें मधुमेह से राहत मिल सकती है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दो से पांच ग्राम हरडे का चूर्ण शहद के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से मधुमेह की समस्या दूर होती है। हरड़े शुगर को नियंत्रित करता है। और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही हो तो रोग कम होता है।

आवल के फूलों का रस पीने से मधुमेह में आराम मिलता है। दो कप आवल का पानी पीने से और नाभि पर लगाने से मधुमेह ठीक हो जाता है। आवल के फल,फूल और पान सब कुछ मधुमेह मे बहुत उपयोगी होते है।

इसके अलावा गोक्षुर के रोजाना सेवन से डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। मधुमेह रोगियों को खाने-पीने में विशेष ध्यान रखना चाहिए। जामुन के बीज और करेला का बीज सुखाने और इसे पाउडर बनाने और इसे रोज सुबह-शाम पीने से डायबिटीज में मदद मिलती है। पैर के नीचे आंकड़े के पान गरम करके बांधने से डायबिटीज में मदद मिलती है। यह प्रयोग एक सप्ताह के भीतर मधुमेह को जड़ से बाहर निकाल देता है।

जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें गेहूं की रोटी नहीं खानी चाहिए। इसके बजाय आपको जूवार, बाजरा या मकई की रोटी खानी चाहिए। रोजाना सुबह योग और व्यायाम करने से भी मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह रोगी जामुन, करेला, हरडे, आंवला, बहरा, नीम, अश्वगंधा, लाबरू आदि मिलाएं और सुबह-शाम इसे लें ताकि मधुमेह से मुक्ति मिल सके।

साथ ही बारहमासी फूल और पत्तियों का प्रयोग भी मधुमेह को ठीक करने में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए कुछ बारहमासी पत्ते और फूल रोज शाम को पानी में डुबोकर सुबह सेवन करने से मधुमेह ठीक हो जाता है। मीठा नीम मधुमेह रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। इसके लिए नीम की मीठी पत्तियों को पानी में उबालकर इसका सेवन करने से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

मधुमेह रोगियों के लिए भी मेथी बहुत फायदेमंद होती है। हर शाम सात से आठ बीजों को पानी में भिगोकर सुबह इस मेथी को नाराना कोठे में खाने से मधुमेह में आराम मिलता है। और कुछ ही दिनों में आराम।