फुट कॉर्न का अर्थ है कनी की बड़ी सफेद, गोल आकार की मृत त्वचा। जो आमतौर पर पैर की उंगलियों पर, पैरों के नीचे तलवो मे होता है। यह समस्या खासकर लोगों को परेशान करती है। जिसके कारण कई बार कई लोग चल नहीं सकते और उनके पैरों में लगातार दर्द रहता है। कई बार लोग इस पर ऑपरेशन भी करवाते हैं । लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
आयुर्वेद के अनुसार, रक्त दोष और वसा के कारण पैर के नीचे कठोर और नाखून जैसी ग्रंथि (फोल) बनती है फुट कॉर्न हर किसी को हो सकती है, लेकिन यह बुढ़ापे में अधिक होती है क्योंकि इस उम्र में फैटी त्वचा के ऊतक कम हो जाते हैं, जिससे त्वचा का चर्बी स्तर कम हो जाता है, जिससे पैर के कणों के विकास की संभावना बढ़ जाती है। फुट कॉर्न के घूस के मुख्य कारण तंग जूते हैं, घंटों तक खड़े रहे, मोजे के बिना जूते पहने, बिना चप्पल के इधर-उधर घूमना होता है।
कई लोग फुट कॉर्न से छुटकारा पाने के लिए कुछ अलग-अलग प्रकार के रसायनों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता और समस्या इसे कम करने के बजाय बढ़ती जा रही है।
फुट कॉर्न से छुटकारा पाने के उपाय मे थोड़ी सी लहसुन और लौंग घी मे डालकर घी फ्राई करे जब भुने हुए लहसुन और लौंग का मरहम गुनगुना हो जाए तो इसे जय कॉटन के ऊपर रखकर पट्टी बांधकर ढक दें। इसे हर शाम लगाए और तब तक लगाए जब तक कि यह पूरी तरह से ठीक न हो जाए। इससे एक सप्ताह में फुट कॉर्न के दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा।
बेकिंग सोडा पैरों की फुट कॉर्न को घेरने वाली मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है। इसके अलावा बेकिंग सोडा के एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण तेजी से इलाज में मदद करते हैं। एक कटोरे में बेकिंग सोडा के तीन बड़े चम्मच डालें और उसमें 1 बड़ा चम्मच पानी डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पैरों की फुट कॉर्न पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके अलावा बेकिंग सोडा को पानी में डाला जा सकता है और उस पानी में पैर डुबोए जा सकते हैं। इस तरह से भी फुट कॉर्न से राहत मिलती है।
दूसरे उपाय में सरसों के तेल में हल्दी पाउडर डालकर भून लें और पेस्ट को पैरों की रुई पर पट्टी से ढक दें। उसे रात भर रहने दें। ऐसा रोजाना करने से पैरों की रुई को जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी। पपीता त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है इसलिए इसमें मौजूद यह एंजाइम गुण त्वचा में नाखूनों से निकलने वाले कचरे को दूर करने में मदद करते हैं। फुट कॉर्न से राहत पाने के लिए कच्चे पपीते के रस में सूती कपड़े को डुबोकर फुट कॉर्न पर लगाएं और रात भर पट्टी लगाएं और सुबह पट्टी हटा दें। इन उपायों को करने से कुछ ही दिनों में इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
फुट कॉर्न के इलाज के लिए मुलेठी किसी जड़ी-बूटी से कम नहीं है। एक चम्मच मुलठी में सरसो का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को रात को सोने से पहले फुट कॉर्न पर लगाएं और पट्टी बांध लें। सुबह उठकर गुनगुने पानी से पैरों को धो लें। इस उपाय को कुछ दिनों तक करने से यह समस्या दूर हो जाएगी। सिरका भी आसानी से पैर की चोट से कॉर्न को हटा देता है। कॉटन को सिरके में डुबोकर रुई पर लगाएं। और इसे पट्टी करके 3-4 घंटे के लिए रहने दें।
चाय के पेड़ के तेल में मौजूद एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण फुट कॉर्न को बेहतर बनाते हैं। एक कॉटन में चाय के पेड़ के तेल की 3-4 बूंदें डालें और फिर इसे रात भर फुट कॉर्न पर लगाएं ताकि सुबह गुनगुने पानी से अपने पैरों को साफ कर सकें। लहसुन में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन होता है। फुट कॉर्न की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लहसुन लौंग को भूनकर उसमें लौंग मिलाकर उसमें चूल का पाउडर बना लें, उसे पैरों पर लगाएं और उस पर पट्टी बांधें, इसे रात भर रहने दें। इस उपाय से तत्काल राहत मिलेगी।