मोनसून की शुरुआत के साथ ही मकई और भुट्टे की याद सभी को आ जाती है। मकई को उबाल कर खाने में बहुत मज़ा आता है। मूसलाधार बारिश में भी मकई खाने में बहुत मजा आता है। वहीं मकई खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। मकई में विटामिन, खनिज और कई अन्य तत्व होते हैं जो शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।

 

जब हम मकई खाते हैं, तो हम उसकी खाल और उसके रेशों को फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मक्के के रेशो में मक्के से भी ज्यादा फायदे होते हैं। तो आइए आज जानते हैं कि कैसे मक्के के बाल पथरी के लिए उपयोगी साबित होते हैं। साथ ही मक्के के रेशे यानी मक्के की गुठली के ऊपर जो बाल होते हैं जिन्हें हम रेशा भी कहते हैं, वो सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।

भुट्टे के बालों में विटामिन ए, बी, कैल्शियम होता है। मकई के फाइबर का जूस पीने से किडनी स्वस्थ रहती है। मकई के रेसा पीने से गुर्दे में पथरी निकलती है। मकई फाइबर का सेवन करने से मूत्र बढ़ता है। और पथरी भी निकल जाती है मकई के फाइबर का रस गर्म पानी के साथ लेना पड़ता है। मकई के रेशे गुर्दे को विषहरित करने के लिए बहुत उपयोगी साबित होते हैं। साथ ही मक्के के बाल ब्लड शुगर को नियमित करने और डाइजेस्ट सिस्टम बढ़ाने के लिए भी काफी उपयोगी होते हैं।

कॉर्न फाइबर ज्यूस बनाने के लिए दो गिलास पानी को अच्छी तरह उबाल लें। फिर मकई के बाल डालकर कुछ देर पकाएं। फिर इसे थोडा़ सा ठंडा होने दें, सुबह-शाम पीने से सिर्फ तीन दिन में गुर्दे की पथरी की शिकायत दूर हो जाएगी। मकई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जो कई तरह की बीमारियों से बचाता है। फाइबर की मदद से तैयार किया गया जूस भी इम्युनिटी और फैट को कम करने में काफी उपयोगी साबित होता है।

यह उन लोगों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है जो जल्दी वजन कम करना चाहते हैं। मकई के बाल मे कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन बी12 जैसे कई विटामिन होते हैं, जो पित्त को नियंत्रित करते हैं। आम आदमी भी मकई के रेशे का रस ले सकता है। क्योंकि मकई का रेशा का रस से साइड प्रभावित नहीं होता है। मक्के के बालों का पानी भी कुछ ही दिनों में 15mm से भी बड़ी पथरी को निकाल देता है।इसके लिए दो गिलास पानी उबालकर उसमें थोड़ा सा मक्के का रेसा डालें और 1 नींबू निचोड़ कर सुबह-शाम पी लें और सिर्फ तीन से पांच दिन में मूत्राशय से बाहर निकल जाएं।

इसके अलावा किडनी में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकालने में भी मक्के के बाल काफी उपयोगी होते हैं। मकई का रेशा रक्त शुद्धि के लिए भी बहुत उपयोगी है। जिन लोगों को पेट दर्द, बुखार, उल्टी होती है उनके लिए मकई का फाइबर भी बहुत उपयोगी होता है। कोलेस्ट्रॉल से बचाव के लिए सुबह-शाम 15 मिनट तक कम आंच पर मकई का फाइबर और उबला हुआ काला नमक और नींबू पीना व्यक्ति को पूरी तरह से स्वस्थ बनाता है।

जिन लोगों को पथरी का बहुत दर्द होता है, उनके लिए रोजाना शाम को कुछ मक्का की रेसा भिगोकर और सुबह पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। और कोई दर्द होता है। मकई तीन से चार दिन में पथरी को टूट कर छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा और भी कई फायदे हैं। उदाहरण के लिए, यह रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल को भी रोकता है। मकई फाइबर में फाइबर होता है। इसलिए पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे अपच, अपाहंस, पेट में गैस, पेट दर्द जैसी बीमारियों से लवड़गत वाले लोगों के लिए यह बहुत उपयोगी है।