हमारे देश में हर जगह पीपल के पेड़ होते हैं। यह पेड़ बहुत लंबा और आकार में बड़ा होता है। हिंदू इस पेड़ को पवित्र मानते हैं। इसकी छांव में बैठने वालों को ठंडी और स्वच्छ हवा मिलती है। पत्तियाँ चौड़ी और थोड़ी लंबी और नुकीली होती हैं। यह उत्तम फल देता है।
पीपल का छिलका ग्राही और पौष्टिक होता है। इसके फल रक्त साधक और पाचक होते हैं। यह युक्तकरण और शुक्र है। पीपल ठंडा और आविष्कारी है। पीपल का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। इसके पके फल खाने से बच्चों को टोटके में काफी राहत मिलती है। इसके लाख पाउडर के साथ शहद और घी देने से क्षय और अर्थव दोष का इलाज होता है।
पीपल लाख के पाउडर के साथ दस ग्राम छाछ, पानी और चीनी डालकर प्रदार का इलाज करते हैं। मसूड़ों और चांदी पर इसके सूखे छिलके पाउडर का छिड़काव जल्दी ठीक हो जाता है। छाल की राख, नीबू और मक्खन इकट्ठा करने से खसखस की तरह त्वचा के दोषों का इलाज किया जा सकता है। दूध और पानी में कोमल पत्तियों को उबालकर कपड़े में छानने से परमिया को अच्छा फायदा हो सकता है। सूजन कम हो जाती है, टीके कम हो जाते हैं।
सूखे पीपल फल को पाउडर बनाकर उसे पंद्रह दिनों तक पानी के साथ लेने से अस्थमा से राहत मिलती है पीपल के छिलके और शरीर पर स्टिक लगाने से जलन होती है। जीभ पर छाल शहद के साथ अपनी जड़ का पाउडर प्राप्त करके जीभ पर लगाने से ठीक हो जाता है। पानी में पीपल की जली हुई राख को इकट्ठा करना और कुछ मिनटों के लिए इसे पीने से सिरदर्द और उल्टी संबंधी विकारों का इलाज होता है।
पीपल, बरगद आदि पेड़ों की छाल को एक साथ लिया जाता है और इसका अर्क तैयार किया जाता है। इस अर्क को पीने से खुजली, सूजन आदि का इलाज होता है। पीपल के पत्ते खाने से तनाव की समस्या दूर हो सकती है जिन लोगों तनाव से ग्रस्त है उन्हें हर दिन एक पीपल का पत्ता खाना चाहिए इसे खाने से तनाव से राहत मिलती है।
कई बार गर्मी में लोगों नाक से खून आता है तो आप ताजे पीपल के पत्तों का रस निकालकर नाक में डाल देते हैं इस जूस को नाक में लगाने से खून आना बंद हो जाएगा। और अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो आप गंध भी ले सकते हैं पीपल के पत्तों को सूंघने से नकशीर की समस्या का समाधान हो जाएगा। शहद के साथ छाल का कवच लेना शुभ लाभ का होता है।
10,10 ग्राम पीपल का छिलका, वडपील, बोरदी छिलका, नींबू का छिलका और अम्ब्रा छिलका लें और इन सभी का वजन से तीन गुना सारसो का तेल लेकर उबाल लीजिए। इस तरह से बने तेल का इस्तेमाल मसूड़ों को ठीक करने में किया जाता है। अर्तव को ठीक करने के लिए पीपल के साथ इमली की छाल को पानी में डाला जाता है।
जड़ें, ताजी पत्तियां और अंडरपिल्स, इलायची, हल्दी, हरड़े, चीनी सभी पाउडर बनाने के लिए दस ग्राम लिए जाते हैं, इस प्रकार सिर दर्द, पीलिया और डायरिया को ठीक करने के लिए पाउडर का उपयोग किया जाता है। पीपल के पेड़ का छाल पाउडर खाने से सांस संबंधी बीमारियां दूर होंगी। जब सांस की बीमारी हो तो पाउडर बनाकर इस पाउडर को खाने से बीमारी ठीक हो जाएगी।
10 ग्राम शहद और 20 ग्राम पीपल के पत्ते का रस पीने से हृदय में रक्त के थक्के नष्ट हो जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें चीनी मिलाएं। इस काढ़े के सेवन से सर्दी-खांसी और कफ की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा इसके सेवन से वायरल इंफेक्शन भी कम होता है।