कुत्ते को एक वफादार जानवर के रूप में जाना जाता है। कुत्ता वह एक वफादार जानवर है। लेकिन कई बार सड़क पर घूम रहे कुत्ते काट लेता है। ऐसी स्थिति में शरीर में संक्रमण का खतरा बेहद बढ़ जाता है। और जहर फेलने की संभावना बढ़ जाती है । पालतू कुत्ते जहरीले नहीं होते। उन कुत्तों काटते है तो एक आदमी को कुछ भी नहीं होता है। कई बार आवारा कुत्तों काट भी जाता है। और अगर कोई आवारा कुत्ता काटता है तो पूरे शरीर में जहर हो जाता है। यदि एक कुत्ता काटता है, तो इस उपाय को जल्दी से लेने से तुरंत राहत मिलेगी और इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होगी।

 

जब कुत्ता काटता है तो उस जगह को साफ करें जहां कुत्ता ने कांटा हो वहा कपड़े की मदद से बांधे ले। फिर जंगली चोलाई का रस निकालकर जहा कुत्ता ने कांटा है वहा पे लगाए। इस जंगली चोलाई पीने से तुरंत राहत मिलेगी और संक्रमण से बचा जा सकेगा। कई लोग कुत्ते को काटने पर तुरंत डर जाते हैं कि यह जहर फेल जाएगा। लेकिन अगर जिस हिस्से में कुत्ते को काटा जाता है, उस हिस्से पर प्याज लगाया जाता है तो कोई इंफेक्शन नहीं लगाना पड़ता।

डेटॉल या सेवलॉन से उस जगह को साफ करें जहां कुत्ता कांटा है। और साथ ही मे वहा पनि डाले ताकि उसकी लार शरीर में प्रवेश न कर सके। अधिक पानी जोड़ने से इसकी लार बाहर निकल जाएगी । कुत्ते के काटने पर लाल मिर्च भी काफी फायदेमंद मानी जाती है। अगर किसी कुत्ते को काटा है तो वहां तुरंत लाल मिर्च लगाएं। इससे शरीर में जहर फैलने से रुकेगा वहां कुछ देर के लिए जलन होगी लेकिन संक्रमण नहीं होगा।

 

कभी-कभी कुत्ते काट ने पर उसके नाखून शरीर पर खरोंच होते हैं, इसलिए यह मत समझिए कि हम बच गए क्योंकि कुत्तों और बिल्लियों के नाखून भी बहुत खतरनाक होते हैं। कुत्तों और बिल्लियों को अपने नाखून काटने की आदत होती है। इसलिए उनके नाखूनों में भी लार होती है। और नाखून भी हमारे शरीर में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

जब कोई कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है तो शहद और प्याज का रस भी काफी उपयोगी साबित होता है। शहद और प्याज का रस मिलाकर इस पेस्ट को लगाने से शरीर को संक्रमित नहीं करता है। काली मिर्च का इस्तेमाल कर शरीर में संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकता है। काली मिर्च पाउडर में दो बड़े चम्मच जीरा पाउडर मिलाएं और पानी की मदद से एक पेस्ट तैयार करें। केले में विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है। जो विटामिन ई का उत्पादन करने का काम करता है जो विषाक्तता को भी रोक सकता है।