आमतौर पर पाया जाने वाला चानोथी आधा लाल और आधा काला रंग का होता है और इसे एक प्रकार का जहर माना जाता है। लेकिन अगर इस चानोथी का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाए तो इसके कई फायदे होते हैं। इसके इस्तेमाल से पहले इसमे मौजूद टॉक्सिन्स को दूर किया जाता हैं। इसके अलावा चनाथा सफेद रंगों में भी पाया जाता है।

यदि सिर पर गंजापन हो तो भीलमा के रस में चुनाथा के मूल को रगड़ें और उसमे शहद और घी मिलाकर माथे पर लगा दें। मुंह मे होने वाली फुल्ली को दूर करने के लिए चुनाथा के पत्ते, चंकीबा और चीनी रखकर रस को मिक्स करके लगा दीजिए। चुनाथा की जड़ों को पानी में घिसकर लगाने से सिर दर्द, अंधापन या चक्कर आने के साथ ही अंधेपन में भी आराम मिलता है। अगर गले में खराश है या गले से आवाज नहीं आ रही है तो इस सफेद चुनाथा के पत्ते का रस निगल लें, यह बहुत फायदेमंद होता है।

इस चानोथी के पत्तों के रस में जीरा और चीनी मिलाकर नियमित रूप से सुबह-शाम पीने से शरीर को ठंडक मिलती है। इस चूर्ण के साथ भांगड़ा के पत्तों के रस में पानी डालकर और उसमें तिल का तेल मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इस षष्ठी का उपयोग करने वाले को पहले इसे उबालकर पानी में शुद्ध करना चाहिए और फिर उसके बाद ही उपयोग करना चाहिए। यदि किसी चानोथी का प्रयोग किया जाए तो इससे डायरिया होता है और यदि इसका अधिक सेवन किया जाए तो इसके दुष्परिणाम जारी रहते हैं जिसका ध्यान रखना चाहिए।

चानोथी के पत्ते की चाय बनाकर पीने से बुखार दूर होता ही है साथ ही सर्दी-जुकाम में भी आराम मिलता है। चानोथी की पत्तियों को पीसकर मुंहासे पर लगाना फायदेमंद होता है। विशेषज्ञों के अनुसार चानोथी की पत्तियों को पिंचकर हल्दी से चिपकाकर रात में मुंहासे पर लगाने से मुंहासे का इलाज हो सकता है।

चानोथी मधु, कड़वा, तुरी, मजबूत गर्म, त्वचा के लिए फायदेमंद, बालों के झड़ने को रोकने के लिए उपयोगी है, यह नेत्र रोग, विषाक्त पदार्थ, पित्त, मरहम, अल्सर, कीड़े, कफ, बुखार, मौखिक रोग, गैस, अस्थमा के इलाज मे हो सकता होता है। चानोथी में उल्टी, कुष्ठ रोग, दर्द शामक, बाल, गर्भनिरोधक, विषैला, कड़वा-पौष्टिक, नाड़ी उत्तेजक, बुखार, भ्रम, सांस, चैल, कीड़े और ऊन का इलाज जरूर करता है। इसकी पत्तियां मूत्र, सूजन, दर्द और मल मरहम लगाने वाले और कफ हैं।

चानोथी की जड़ों के रस और अदरक के रस दोनों को बराबर मात्रा में मिलकर उसमे थोड़ा सा घी मिलाकर खाना चाहिए। जिससे खांसी, सांस की बीमारियों की शिकायत दूर होती है और काफी राहत मिल सकती है।

चानोथी का जड़ का चूर्ण सूंघने से सभी प्रकार का सिरदर्द दूर हो जाता है। एक कटोरी में चानोथी के पत्तों को पीसकर लगाने से पित्त के कारण होने वाले फोड़े-फुंसियों को ठीक किया जा सकता है। चानोथी के पत्तों को अधिक चाव से खाने से बैठने की आवाज खुल जाती है। चानोथी के पत्ते, चनाकबाब और चीनी को समान रूप मिलकर मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।